
कोरोना वायरस को लेकर भी भारत पर ही लगातार निशाना साधना शुरू कर दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओला ने बुधवार को फिर कहा है कि नेपाल में 85 फीसदी कोरोना वायरस के मामले भारत से आए हैं। इससे पहले भी ओली ने ऐसा कहा कि था नेपाल को इतना खतरा इटली और चीन से आने वाले कोरोना मामलों से नहीं है, जितना भारत से आने वाले लोगों से। बता दें कि के कुल मामलों की संख्या 4085 तक पहुंच गई है, जबकि 15 लोगों की मौत हुई है।यह संविधान संशोधन विधेयक अब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर करते ही नया नक्शा कानून की शक्ल ले लेगा। नेपाली संसद में मंगलवार देर शाम तक नक्शे को लेकर चर्चा हुई। वहीं, नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भारत से फिर बातचीत का अनुरोध किया है। कोरोना वायरस के हालात को लेकर देश को संबोधित करते नेपाल की पीएम केपी शर्मा ने पहले कहा था कि नेपाल में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों की तुलना में मृत्युदर काफी कम है।कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमाया थुम्भांगफे ने देश के नक्शे में बदलाव के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए इसे पेश किया था। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि भारत से अवैध तरीके से लोग नेपाल में दाखिल हो रहे हैं। ओली ने कहा कि बिना सही से चेकिंग के नेपाल में दाखिल होने की वजह से कोरोना और ज्यादा फैल रहा है। कोरोना महामारी के सामने आने के बाद ओली पहली बार मंगलवार को संसद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘भारत से आ रहा कोरोना वायरस चीन और इटली से भी ज्यादा खतरनाक है।’ काठमांडू पोस्ट के मुताबिक ओली ने कहा, ‘भारत से अवैध तरीके से आने वाले लोग नेपाल में कोरोना वायरस फैला रहे हैं। इन लोगों को लाने के लिए देश के कुछ स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार हैं।’ भारत से नेपाल में लोगों के प्रवेश को रोक पाने में भी लाचारी जताई। नेपाल में अब तक करीब साढ़े चार हजार संक्रमित मामले सामने आए हैं और दो लोगों की मौत हुई है। ओली ने कहा कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधूरा नेपाल का क्षेत्र है और वह कूटनीतिक और राजनीतिक रास्तों से इसे वापस लेंगे। ओली सरकार ने एक नए नक्शे को भी मंजूरी दी है, जिसमें भारत के इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं, लेकिन भारत ने वहां सैनिकों को तैनात कर उसे विवादित बना दिया है। भारतीय सेना के जवान वहां नेपाली लोगों को जाने भी नहीं देते। ओली ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि दोनों देश के बीच सीमा के मुद्दे पर भारतीय सेना प्रमुख ने क्यों बयान दिया है। ओली ने कहा कि इस मसले पर नेपाली सेना को बोलने की जरूरत नहीं है। इसी तरह दूसरे देश की सेना का बोलना भी उचित नहीं है। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा था कि लिपुलेक पास और उत्तराखंड के धारचूला जिले के बीच बनी सड़क का विरोध नेपाल किसी के इशारे पर कर रहा है। उनका इशारा चीन की तरफ था, हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था
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